Hot Posts

15/recent/ticker-posts

Ad Code

Responsive Advertisement

प्रथाओं की ओढ़े चुनरी: बिंदणी’ में गायत्री देवी बनीं मीना मीर, मां से मिली प्रेरणा, पर किरदार निभाना आसान नहीं था

अक्सर जो किरदार बाहर से आसान लगते हैं, वे निभाने पर कहीं ज़्यादा कठिन साबित होते हैं। कुछ ऐसा ही हुआ अभिनेत्री मीना मीर के साथ जो इन दिनों सन नियो के शो प्रथाओं की ओढ़े चुनरी: बिंदणी में गायत्री देवी की भूमिका निभा रही हैं।

इस किरदार के बारे में पढ़ते ही मीना को अपनी मां की याद आई और उन्हें लगा कि इसे निभाना उनके लिए बेहद सहज होगा। लेकिन जैसे-जैसे उन्होंने गायत्री देवी को जिया, उन्हें समझ आया कि असलियत कहीं अधिक गहरी और चुनौतीपूर्ण है।

Prathaon Ki Odhe Chunri: Beendani Actress Meena Mir on Playing Gayatri Devi: My mother may have been my inspiration but…

मीना मीर कहती हैं,“जब पहली बार मैंने गायत्री देवी का किरदार के बारे में जानातो मुझे तुरंत अपनी मां की याद आई। मैं बचपन से ही अपनी मां को बहुत ध्यान से देखती रही हूं जैसे उनकी बोलने की शैलीअलग-अलग परिस्थितियों में उनका धैर्य और उनका गरिमामयीलेकिन स्नेह से भरा व्यवहार। मुझे लगा कि यह किरदार मेरे लिए आसान होगा क्योंकि सब कुछ पहले से ही मेरे अंदर बसा हुआ है।

 

वह आगे जोड़ती हैं, “जैसे-जैसे मैंने इस किरदार को निभाना शुरू कियाएहसास हुआ कि कैमरे पर किसी को जीनाअसल ज़िंदगी में उन्हें देखने से बिल्कुल अलग है मेरी मां निश्चित रूप से मेरी प्रेरणा थींपर उस भाव को परदे पर उतारने के लिए मुझे बहुत मेहनतधैर्य और अनुशासन की ज़रूरत पड़ी।


गायत्री देवी में मुझे ताक़त और कोमलताअधिकार और संवेदनशीलतापरंपरा और भावना इन सबका संतुलन साधना था।इस सफर ने  केवल मुझे इस किरदार की गहराई समझाईबल्कि अपनी मां की मौन शक्ति के प्रति भी मेरा सम्मान और बढ़ादिया।

 

प्रथाओं की ओढ़े चुनरीबिंदणी की कहानी घेवर नाम की एक चंचल और निडर लड़की की हैजो राजस्थान के छोटे से गांव में रहती है। माता-पिता के गुजर जाने के बाद उसका पालन-पोषण बड़े भाई और भाभी ने प्यार से किया है। उसका संसार सिर्फ अपने परिवार के इर्द-गिर्द घूमता है।लेकिन किस्मत एक दिन उनकी ज़िंदगी में एक नवजात शिशु को ले आती है जो उसे बिल्कुल एक अलग दुनिया से जोड़ता है।

 

आशाआघात और छिपे रहस्यों से भरी यह कहानी घेवर के संघर्ष और बलिदानों की दास्तां हैजिसमें एक औरत अपने प्यार और परिवार की हिफ़ाजत के लिए डटकर खड़ी होती है।

 

देखिए ‘प्रथाओं की ओढ़े चुनरीबिंदणीहर रोज रात 9 बजेसिर्फ सन नियो पर।

Post a Comment

0 Comments

Ad Code

Responsive Advertisement